Satish Balram Agnihotri blog - In a Land of Dirt Roads

वह सत्ता पर काबिज नहीं है
फिर भी वह रावण है
नहीं दिया सोने के हिरण का झांसा जनता को
फिर भी वह रावण है
किया नहीं साधु के भेस में सत्ता का अपहरण
फिर भी वह रावण है !

और वह
जो शिवजी के धनुष को उठाने की डींग हांकता
उसे हिला तक नहीं पाया
संध्या करते बाली ने जिसे अपनी
कांख मे दबाकर रखा था ?

छल से हथियाये पुष्पक में दुनिया घूमते
उस रथी रावण के चाटुकारों ने
आज एक विरथ यायावर को,
नया रावण करार दे दिया !

छवि सौजन्य: पिक्साबे

No comments on 'नया रावण !'

Leave your comment

In reply to Some User