Satish Balram Agnihotri blog - In a Land of Dirt Roads

(यह एक पुराने युग की कपोलकल्पित कहानी है
इसे हाल की किसी घटना से जोड़कर ना देखें)

राजसम्मान बनाम आत्मसम्मान
सतीश अग्निहोत्री
विजयी मुद्रा में
रण से लौटते राजा ने
उछाल दिया
अपने अपमानित गुरु के आगे
एक राज सम्मान
आहत गुरु ने
उस तिनके के सहारे को
उपकृत होकर किया परिधान
राजा मुस्कुराया
अपनी चतुराई और
शाल में लपेटकर मारे गये
जूते की ताकत पर
और शुरु हो गयी
नयी परंपरा
नये युग की
अपमान के मुआवजे में
मिलते राज सम्मान की

छवि सौजन्य: पिक्साबे

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